गुरुवार, 11 जुलाई 2013

अब दर्शक भी खोल सकेंगे ममी के रहस्य

ममीज़ का डिजिटलीकरण उन्हें बेहतर ढंग से समझने में मदद करेगा
पट्टियों और मसालों में लिपटी ममी के अंदर क्या होता है यह जानने की जिज्ञासा जल्द ही पूरी हो सकती है.
स्वीडन का एक संग्रहालय ममी के अपने संकलन का थ्री डी रूप में डिजिटलीकरण करेगा.
इससे यहां आने वाले लोग डिजिटल रूप में रखी उस ममी को खोलकर देख सकेंगे कि उसके भीतर क्या है.
स्टॉकहोम में मेडेलहाव्समुसीट की क्लिक करेंममीज़ का थ्रीडी मॉडल, फ़ोटो और एक्सरे क्लिक करेंस्कैन द्वारा तैयार किया जाएगा.
साल 2014 के वसंत में इन्हें स्थाई रूप से प्रदर्शन के लिए खोल दिया जाएगा.

परत-दर-परत

संग्रहालय के प्रमुख का कहना है कि इससे दर्शक प्राचीन क्लिक करेंमिस्र के लोगों कीजीवन शैली के बारे में बेहतर ढंग से समझ सकेंगे.
संग्रहालय छह ममी को रियलिटी कैप्चर टेक्नोलॉजी के ज़रिये हाई रेज़्योल्यूशन 3डी डिजिटल मॉडल्स में तैयार करेगा. इस तकनीक में फोटो ऑर एक्स-रे स्कैन के माध्यम से डाटा जुटाया जाता है.
संग्रहालय में आने वाले लोग ममी को उसी तरह देख सकेंगे जैसे कि पुरातत्वविद् प्राचीन काल के अवशेषों को देखते हैं.
स्वीडिश इंटरैक्टिव इंस्टीट्यूट के थॉमस रेडेल कहते हैं, “हम संग्रहालयों के थ्रीडी डिजिटलीकरण और इंटरैक्टिव विज़ु्अलाइज़ेशन के नए मापदंड तय करना चाहते हैं ताकि यह संकलन अन्य संग्रहालयों, शोधकर्ताओं और दर्शकों के बेहतर इस्तेमाल आ सके.”
दर्शक उच्च रेज़्योल्यूशन वाली थ्री डी इमेज को बारीकी से देख पाएंगे
वह कहते हैं, “यहां हम ममीज़ पर काम कर रहे हैं लेकिन यह प्रक्रिया अन्य चीजों के लिए भी इस्तेमाल की जा सकती है जैसे कि ऐतिहासिक कलाकृतियों पर.”
संग्रहालय में आने वाले दर्शक ममीज़ को काफ़ी उच्च रेज्योल्यूशन पर ज़ूम कर ताबूत पर नक्काशी जैसी चीज़ों को काफ़ी बारीकी से देख सकते हैं.

बारीक़ी से अध्ययन

दर्शक कई वर्चुअल परतों को हटाकर ममी को खोलकर भी देख सकेंगे और जान सकेंगे के शरीर के साथ क्या कलाकृति रखी गई हैं.
रेडेल कहते हैं, “हम वस्तुतः ममी की एक वर्चुअल प्रति बना सकते हैं. इसे अन्य संग्रहालयों के साथ बांटा जा सकता है, शोध के लिए इस्तेमाल किया जा सकता है या इंटरैक्टिव दर्शक अनुभव के लिए इस्तेमाल किया जा सकता है.”
स्टॉकहोम में मेडेलहाव्समुसीट के स्वीडिश इंटरैक्टिव इंस्टीट्यूट और दो टेक्नोलॉजी कंपनियों ऑटोडेस्क और फारो मिलकर इस प्रोजेक्ट पर काम कर रहे हैं.
इस प्रदर्शनी की निर्माता एल्ना नॉर्ड कहती हैं, “यह तकनीक हमारे दर्शकों को ममी में लिपटे महिला-पुरुष को बेहतर ढंग से समझने में मदद करेगी.”

वह कहती हैं, “लोग ममी को परत-दर-परत खोलकर और उसके अंदर बंद व्यक्ति के लिंग, आयु, जीवन यापन की स्थितियों और विश्वासों के बारे में जान सकते हैं. तकनीक की मदद से ममीज़ प्राचीन समय के ज्ञान को जानने का बहुत मज़बूत ज़रिया बन गई हैं.” sabhar : bbc.co.uk

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