रविवार, 22 सितंबर 2013

दुनिया भगवान के हाथों नहीं बनी'

अपनी पिछली किताब में हॉकिंग ने ईश्वर के अस्तित्व की संभावना से इनकार नहीं किया था

दुनिया के जाने-माने वैज्ञानिक स्टीफ़न हॉकिंग ने कहा है कि ईश्वर ने ब्रह्मांड की रचना नहीं की.

अपनी नई किताब दी ग्रैंड डिज़ाइन में उन्होंने लिखा है कि ब्रह्मांड की रचना अपने आप हुई है.

इससे पहले वे कहते रहे थे कि सृष्टि के रचयिता की अवधारणा विज्ञान के सिद्धांतों के विपरीत नहीं है लेकिन अब उनका कहना है कि जिस बड़े धमाके यानी बिग बैंग के बाद धरती और अन्य ग्रहों का जन्म हुआ वह वैज्ञानिक दृष्टि से अवश्यंभावी था.

स्टीफ़न हॉकिंग ब्रह्मांड की रचना को एक स्वतः स्फूर्त घटना मानते हैं.

उनकी नई किताब दी ग्रैंड डिज़ाइन प्रसिद्ध वैज्ञानिक आइजैक न्यूटन की इस धारणा को चुनौती देती है कि इस सृष्टि का अवश्य ही कोई रचियता होगा क्योंकि इतनी जटिल रचना अपने आप पैदा नहीं हो सकती.

हॉकिंग ने 1992 में हुई एक खोज को अपने तर्क का आधार बनाया है जिसमें पाया गया था कि हमारा सौरमंडल अनूठा नहीं है बल्कि ऐसे कई सूरज हैं जिनके चारों ओर ग्रह चक्कर काटते हैं, जिस तरह हमारी पृथ्वी सूर्य का चक्कर लगाती है.

हॉकिंग का कहना है, "अगर हमारे सौर मंडल जैसे दूसरे सौर मंडल मौजूद हैं तो यह तर्क गले नहीं उतरता कि ईश्वर ने मनुष्य के रहने के लिए पृथ्वी और उसके सौर मंडल की रचना की होगी".

अगर हमारे सौर मंडल जैसे दूसरे सौर मंडल मौजूद हैं तो यह तर्क गले नहीं उतरता कि ईश्वर ने मनुष्य के रहने के लिए पृथ्वी और उसके सौर मंडल की रचना की होगी
स्टीफ़न हॉकिंग
हॉकिंग ने ईश्वर के अस्तित्व की संभावना को स्पष्ट रूप से नकारा नहीं है लेकिन वे यही कह रहे हैं कि ईश्वर के जगत निर्माता होने के तर्क विज्ञान की कसौटी पर काफ़ी कमज़ोर हैं.

स्टीफ़न हॉकिंग का कहना है कि ब्रह्मांड में गुरुत्वाकर्षण जैसी शक्ति है इसलिए वह नई रचनाएँ कर सकता है उसके लिए उसे ईश्वर जैसी किसी शक्ति की सहायता की आवश्यकता नहीं है.

ब्रितानी वैज्ञानिक स्टीफन हॉकिंग ने यह किताब प्रसिद्ध अमरीकी वैज्ञानिक लियोनार्ड मल्डीनोव के साथ मिलकर लिखी है और किताब 9 सितंबर को बाज़ार में आ रही है, इस किताब के कुछ अंश अमरीकी समाचारपत्र न्यूयॉर्क टाइम्स में छप चुके हैं.

इससे पहले स्टीफ़न हॉकिंग ने ए ब्रीफ़ हिस्ट्री ऑफ़ टाइम नाम की किताब लिखी थी जिसकी लाखों प्रतियाँ दुनिया भर में बिकी थीं, इस किताब में उन्होंने सृष्टि के रचयिता के रूप में ईश्वर के अस्तित्व की संभावना से इनकार नहीं किया था.

हॉकिंग का कहना है कि उनके पास कोई पक्का सिद्धांत नहीं है, अगर ईश्वर के बारे में कोई पक्का सिद्धांत बन सके तो वह विज्ञान की सबसे बड़ी कामयाबी होगी, तब हमारे पास ईश्वर के दिमाग़ को समझने का बच जाएगा. sabhar : bbc.co.uk

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